Thursday, 1 March 2012

काबर झील पक्षी विहार की मूल समस्या :

१. गंडक नदी से काबर झील के लिए निर्मित लिंक नहर का बंद हो जाना . जिससे सालों भर झील में पानी नहीं रह पाता और जलीय जैव विवधता को काफी नुकसान पहुँचता है .

२. झील के सूख जाने पर वहां खेती की जाती है ,जिसमें कीटनाशक का छिडकाव जलीय जैव विवधता को नुकसान पहुँचाता है . किसान बंदरों के उत्पात से बचने के लिए खेतों में जहर का इस्तेमाल करतें हैं .पिछले दिनों यहाँ बड़ी तादाद में सिर्फ इस कारण बंदरों की अकाल मौत हुई .

३. वन्य जीव संरक्षण अधिनियम १९७२ का यहाँ लागू होने के बावजूद प्रवासी पक्षियों का शिकार धड़ल्ले से होना .

४. स्थानीय लोगों के द्वारा पर्यावरण - मैत्री व्यवहार का अभाव .

५ . काबर झील पक्षी विहार किस प्रकार बेगुसराय के आर्थिक विकास में बड़ी भूमिका निभा सकता है ? इस मुद्दे पर जन जागरूकता का व्यापक अभाव .

६ . आश्चर्यचकित कर देने वाली सरकारी उदासीनता . बनाये गए योजनाओं के कार्यान्वयन में अतिशय विलंब के कारण योजना राशि का लैप्श करना .


७ . काबर झील के विकास के मुद्दे पर एक सशक्त व ईमानदार जनांदोलन का अभाव .

आईये ! जरा सोंचे , इस हालात में हम काबर झील पक्षी विहार के लिए क्या - क्या कर सकते हैं ? जो भी कुछ कर पायें बड़ी बात . यक़ीनन एक साझा प्रयास ही सर्वोत्तम रास्ता .


बचा सकें तो बचा लें एक उम्मीद / एक सपना / कि आश्रयी पक्षियों का एक सुन्दर घर हो काबर अपना .

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